हमें भी प्रेम एक बार हुई थी शायद।
नाम,चेहरा तो कुछ याद नहीं पर, मन में प्रतिबिंब कुछ ऐसा था।
मृग नयन सी नेत्र।
कस्तूरी सी सुगंध।
रात्रि सी शालीनता ।
चन्द्रमा सी शीतलता
पुष्प सी मधुरता।
हां याद आया ,
नाम
मोक्ष ( मृत्यु) थी शायद।।।।
DEVKARAN CHAKRESH ...