अख़बारों की पतंग
गांव की गलियों में क्रिकेट और कंचा ।
गर्मियों के दिन और एक आम को दस लोगों द्वारा तोड़े जाने की लालशा ।।
बैटरी और मोटर जोड़कर , इंजीनियर बनने का सपना ...
... आशान नहीं है , बचपन को चंद पंक्तियों में शामेटना ...
। देवकरण चक्रेश।
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