शनिवार, 26 अप्रैल 2025

मोक्ष।।।।

 हमें भी प्रेम एक बार हुई थी शायद।

नाम,चेहरा तो कुछ याद नहीं पर, मन में प्रतिबिंब कुछ ऐसा था।

मृग नयन सी नेत्र।

कस्तूरी सी सुगंध।

रात्रि सी शालीनता ।

चन्द्रमा सी शीतलता

पुष्प सी मधुरता।

हां याद आया , 

                नाम 

मोक्ष ( मृत्यु) थी शायद।।।।

                DEVKARAN CHAKRESH ...

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मोक्ष।।।।