बुधवार, 13 दिसंबर 2023

नदी का किनारा।।।।

दोपहर ढल रही थी

शाम होने को थी

मै नदी के तट पर खड़ा था।

एक नन्ही काली खिल रही थी 

सामने एक हड्डी गल रही थी।।।।

                                    Devkaran chakresh।।

मोक्ष।।।।