सोमवार, 14 अगस्त 2023
शुक्रवार, 11 अगस्त 2023
UNFILTERED PORTRAIT(बचपन)
चप्पल के पहिए, तेल के डिब्बे
अख़बारों की पतंग
गांव की गलियों में क्रिकेट और कंचा ।
गर्मियों के दिन और एक आम को दस लोगों द्वारा तोड़े जाने की लालशा ।।
बैटरी और मोटर जोड़कर , इंजीनियर बनने का सपना ...
... आशान नहीं है , बचपन को चंद पंक्तियों में शामेटना ...
। देवकरण चक्रेश।
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चप्पल के पहिए, तेल के डिब्बे अख़बारों की पतंग गांव की गलियों में क्रिकेट और कंचा । गर्मियों के दिन और एक आम को दस लोगों द्वारा तोड़े...
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आज मैने बचपन को चौराहे पर जिम्मेदारी के बोझ तले ढलते देखा। ज्योतिषी के हाथों , नन्हे हथेलियों के उम्मीदों को मरते देखा। ताऊ के हाथो बीड़ी ...
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छणिक मोह वस्तु का।। अज्ञानता भरा यह नीर।। वस्तु के मोह में , छणिक हुआ राहगीर।।